मोहित मिश्रा
विचार-धारा
धान के बीज-सी होती है,
पड़ी रहकर
तर्क की जमीन पर
तोड़ती है आसमान को,
जड़ें बहुत गहरे
आस्था की मिट्टी में जमाती हैं,
यह आदमी की फितरत है
आदत है उसकी-
विश्वास करना और
आस्था रखना
किसी न किसी पर।
(मोहित फिलहाल आकाशवाणी इलाहाबाद से संबद्ध हैं.)
फिर भी अारक्षण चाहिए
9 years ago
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